ये बढ़ते कदम

पता नहीं कैसे सब यूँ बदल गया। वो खिलता हुआ चेहरा मेरा, अन्धेरी शाम के संग ढल गया।। मैं सोचती हूँ अब भी, ये कैसे हुआ और क्यूँ? मैं टूटी तो नहीं, फिर रुकी हुई हूँ क्यूँ? मैं वजह धुंढने भी निकलूं, तो हा…

हम अलग ही बेहतर हैं

मैनें तुझे भुलाया नहीं हैं, बस इन आँखों से दूर किया है। तुझे यादों से मिटाया नहीं है, खुद को तेरे बिना जीने के लिए मजबूर किया है।। इस दूरी में तेरी किसी कमी का हाथ नहीं है, ना तुझमे कोई आदत बुरी है। …

"शोषण"

जहाँ बच्चों के आँसू ही हैं माँ-बाप का सबसे बड़ा कष्ट, फिर क्यूँ नाबालिक सताते वक्त हो जाती है इनकी बुद्धि भ्रष्ट। जब एक रोम खिच जाने से इन्सान झल्ला जता है, तो क्या एक बच्ची की चीख़ से तुम्हे दर्द नह…

अधूरा सफ़र

प्यार भरी बातों पर भी लड़ना, मेरी आदत-सी बन गया था। सच कहूँ तो तू मेरी, इवादत बन गया था।। मेरी तक़लिफों पर तेरा मायूस होना, कोई इनायत नहीं थी। बेरुखे रहे एक-दूजे से, मगर कोई शिकायत तो नहीं थी।। अरमान! …

यूहीं चले जायेंगे

जहाँ तुम्हे अछा लगे, वही जी लो जी भरकर। एक दिन सारे सुख-दु:ख, एक ही हो जायेंगे।। also read मैं, मैं नहीं क्या फर्क पड़ता है कि, क्या खाया और कहा रहे। मिट्टी में जन्मे हैं, आखिर मिट्टी में ही मिल जाये…

आज फिर उसने

आज फिर उसने जाने की बात की, आज फिर उसने ना लौट आने की बात की। बहुत चाहकर भी वजह नहीं पुछी मैनें, आखिर क्यों उसने ऐसे रुलाने की बात की।। also read मैं, मैं नहीं रोकना है उसे,पर कोई बहाना नहीं है, मन म…